कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन चल रहा है और ट्र्रैवल पर रोक लगा दी गई है। इससे क्रूड की मांग में भारी गिरावट आई है। इसके कारण कच्चे तेल में कई सप्ताह से गिरावट चल रही है। एक ओर जहां मांग घट गई है, वहीं दूसरी ओर बाजार में तेल की आपूर्ति काफी बढ़ गई है। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस के बीच तेल उत्पादन कम करने संबंधी वार्ता टूटने के कारण सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार शुरू हो गया है। इसके कारण तेल की कीमत में और गिरावट आई है। प्राइस वार खत्म होने का कोई संकेत भी नहीं मिल रहा। सप्ताहांत में रूस के उप ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 25 डॉलर प्रति बैरल की कीमत रूस की तेल उत्पादन कंपपनियों के लिए कोई बड़ा संकट नहीं है।
मांग में गिरावट और प्राइस वार के कारण औंधे मुंह गिरा है क्रूड