अग्रवाल मूलत: बिहार के पटना के हैं। 1976 में वह एक कबाड़ के डीलर के रूप में मुंबई आए थे। इसके बाद उन्होंने कॉपर, जिंक, एल्यूमीनियम और आयरन ओर का एक कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर दिया। उन्होंने स्कूल में पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्होंने वेदांता रिसोर्सेज की स्थापना की और 2005 से वह इसके कार्यकारी चेयरमैन हैं। अक्टूबर 2018 में अग्रवाल ने वेदांता रिसोर्सेज की बाकी एक तिहाई हिस्सेदारी भी एक अरब डॉलर से ज्यादा कीमत में खरीद ली। 2017 में लंदन में लिस्टेड खनन कंपनी एंग्लो अमेरिकन की 19 फीसदी हिस्सेदारी अपने पारिवारिक ट्रस्ट के जरिए खरीद ली और 2019 में उसे बेच दिया। वेदांता ने पहले अन्य मौके पर कहा है कि वह अपने जिंक, सिल्वर और ऑयल एंड गैस कारोबार के विस्तार पर 60,000 करोड़ रुपए खर्च करेंगी।
एक कबाड़ डीलर के रूप में पटना से मुंबई आए थे अग्रवाल