बेरोजगा व असंतोष बढ़ने पर सामाजिक अराजकता का खतरा

यदि कोरोनावायरस के कारण सबसे बुरी स्थिति सबसे बुरी हो जाए, जिसमें भारत में कर्ज का विकराल संकट पैदा हो जाए, कंपनियों के लिए कारोबार में टिके रह पाना कठिन हो जाए और बैंकों का बैलेंसशीट खराब होने लगे, तब क्या होगा। उस स्थिति के लिए नोमुरा ने कहा कि भारत की जीडीपी में दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून 2020) में 10.3 फीसदी तक गिरावट आ सकती है। वहीं, 2020 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में देश की जीडीपी साल-दर-साल आधार पर 1.5 फीसदी तक गिर सकती है। इतना ही नहीं, बढ़ती बेरोजगारी और असंतोष के कारण देश में सामाजिक अराजकता पैदा हो सकती है।