निफ्टी का 28 साल में सबसे खराब प्रदर्शन, सेंसेक्स में इस तिमाही बड़ी गिरावट; अभी कई सेक्टर्स में नुकसान की आशंका

बिजनेस डेस्क. इस साल शेयर बाजार की पहली तिमाही में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जनवरी से मार्च 2020 के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स 31 प्रतिशत तक फिसल गया है। बाजार में आई इस गिरावट के लिए कोरोनावायरस की महामारी जिम्मेदार है। आमतौर पर स्टॉक या इंडेक्स के पीक लेवल से 20 प्रतिशत या उससे ज्यादा की गिरावट उस ट्रेडेड यूनिट के लिए बियर मार्केट टेरिटॉरी माना जाता है। इस तिमाही के दौराान निफ्टी में 31.9 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो जून 1992 की तिमाही के दौरान हुई 32.2 प्रतिशत गिरावट के बराबर है। वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स में इस दौरान 28.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।


इंडियन इक्विटी से 55,007 करोड़ रुपए निकाले


सोमवार, 30 मार्च तक इस फाइनेंशियल ईयर 2019 - 2020 (FY20) में निफ्टी 50 (28.8% तक गिरा) और सेंसेक्स (26.5% तक गिरा) ने सबसे खराब प्रदर्शन किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2019 में, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में 37.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। जबकि ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसेस (GFC) की वजह से निफ्टी 36.2 फीसदी गिर गया था। फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने मार्च 2020 में इंडियन इक्विटी से 55,007 करोड़ रुपए (करीब 7.4 बिलियन डॉलर) निकाल लिए।


अभी कोरोनावायरस के चलते देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। ऐसे में ज्यादातर विश्लेषकों का कहना है कि वे देश और विदेश के बाजारों की Covid-19 मामलों को ट्रैक कर रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से बाजार में गिरावट आ सकती है।


बीएसई सेक्टर में 46 फीसदी तक गिरावट


इस तिमाही के दौरान फाइनेंशियल सेक्टर के साथ बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (NBFC), हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC) और बीमा कंपनियों सहित बेंचमार्क सूचकांकों में तेज गिरावट देखी गई है। ऑटो, मेटल और रियल एस्टेट सेक्टर भी गिरावट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इन सेक्टरों ने 42 फीसदी से 46 फीसदी की गिरावट दर्ज की। हालांकि, फॉर्मेसी और फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी (FMCG) में इस दौरान सबसे कम 14 फीसदी की गिरावट आई। जबकि इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) सेक्टर में 21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।