नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक मार्केट लिंक्ड पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। इस तारीख को या इसके बाद जॉइन करनेवाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए इस योजना में निवेश करना अनिवार्य है। 1 मई 2009 सेयह योजना स्वैच्छिक आधार पर निजी क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों सहित देश के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। सितंबर 2019 तक इसके कुल एक करोड़ 28 लाख खाताधारक थे। इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद खाताधारक अपने टोटल कॉर्पस का 60 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन मिलती है। चूंकि यह स्कीम शेयर बाजार सेजुड़ी है, इसलिए खाताधारक के कॉर्पस का एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। सरकारी कर्मचारी अपने कॉर्पस का अधिकतम 50 फीसदी, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारी 75 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। इसलिए शेयर बाजार जितना ऊपर जाएगा, खाताधारकों के कॉर्पस पर रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा और रिटायरमेंट के बाद मैच्योरिटी अमाउंट भी ज्यादा होगा
एनपीएस : क्योंकि करोड़ों लोगों की पेंशन इससे संबंधित है