नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के कारण पैदा हुए हालातों और लॉकडाउन को देखते हुए भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा पत्र आमंत्रित करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। अब बीपीसीएल के संभावित खरीदारी 13 जून को शाम पांच बजे तक निविदा पत्र जमा कर सकते हैं। सरकार ने बीपीसीएल में से अपनी पूरी 52.98% हिस्सेदारी बेचने के लिए 7 मार्च को बोलियां आमंत्रित की थी और बोलीदाताओं से 2 मई तक निविदा जमा करने की डेडलाइन तय की थी। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) के दस्तावेज के मुताबिक बीपीसीएल में सरकारी की हिस्सेदारी 114.91 करोड़ इक्विटी शेयरों के बराबर है। इसके साथ ही कंपनी का मैनेजमेंट कट्रोल भी रणनीतिक खरीदार के हवाले किया जाएगा।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी बिक्री में शामिल नहीं
इस विनिवेश प्रक्रिया में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में बीपीसीएल की 61.65% हिस्सेदारी शामिल नहीं है। एनआरएल का हिस्सा किसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी को बेची जाएगी। बोली के लिए जारी ऑफर डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि बीपीसीएल को निजीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भाग नहीं लेंगी। बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल वितरण कंपनी है।
बोली लगाने के लिए कंपनी की नेटवर्थ 10 अरब डॉलर हो
बोली दो चरणों में लगाई जाएगी। पहले चरण में कंपनी को खरीदने में रुचि दिखाने वाले सफल बोलीदाता को दूसरे चरण में वित्तीय बोली लगाने के लिए कहा जाएगा। कोई भी निजी कंपनी जिसकी नेटवर्थ 10 अरब अमेरिकी डॉलर हो, वह विनिवेश में भाग ले सकती है और अधिकतम चार कंपनियों के समूह को बोली लगाने की इजाजत दी जाएगी। बोली की शर्तों के अनुसार ऐसे समूह के अग्रणी सदस्य को कम से कम 40% हिस्सेदारी लेनी होगी जबकि अन्य सदस्यों के पास न्यूनतम एक अरब डॉलर की नेटवर्थ होनी चाहिए।